उत्तेजनशीलता (Excitability) के आधार पर यथार्थता के प्रति मात्र निष्क्रिय अनुकूलन ही संभव हो सकता है।
12.
इससे पेशियों की संकुंचनशीलता (contractility), उत्तेजनशीलता (irritability), स्फुरण (tone) और पोषण (nutrition) बना रहता है और ऊतकों का तंतुमय बनना रोका जा सकता है।
13.
ताँका पढ़ने व लिखने का अभ्यास हमें प्रसन्नता से पूर्णता तक, अन्तर्दृष्टि से व्यापकता तक, उत्तेजनशीलता से आत्मिक प्यार तक ले जाता है ।
14.
जीवित अंगियों में परावर्तन उत्तेजनशीलता के अनुगुण के रूप में प्रकट होता है, यानि पर्यावरण के असर के प्रति अनुक्रिया करने की अंगी की क्षमता के रूप में।
15.
वात की वृद्वि का अर्थ है नर्वस सिस्टम (जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है) की अतिरिक्त उत्तेजनशीलता या इरीटेबिलिटी, वात शमन का अर्थ है उसका सामान्य या प्राकृत स्तर तक लाना।
16.
कोशिका का जीवन इसी साइटोप्लाज्म पर ही आश्रित रहता है और इसी पर कोशिका की समस्त मूलभूत जीवन-क्रियाएं-श्वसन, पाचन, उत्सर्जन, वृद्धि, गतिशीलता, चयापचय, उत्तेजनशीलता तथा प्रजनन आदि निर्भर करते हैं।
17.
यदि पशु को कुछ समय तक के लिए उसके खेल के साथी से वंचित कर दिया जाए, तो बाद में उसकी उत्तेजनशीलता और क्रीड़ात्मक क्रियाशीलता एकाएक बहुत अधिक बढ़ जाएगी, जो इसका प्रमाण है कि वह अपनी संचित उर्जा को उन्मोचित करना चाहता है।
18.
कोशिका को जीवन की इकाई भी कहा जाता है, क्योंकि इनमें जीवन की समस्त मूलभूत क्रियाएं आदि सम्पन्न होती है जैसे-वृद्धि (Growth), चयापचय (Metabolism), श्वसन (Respiration), पाचन (Digestion), उत्सर्जन (Excretion), उत्तेजनशीलता (Irritability) एवं प्रजनन (Reproduction) है।
19.
मानसिक गुणों अथवा व्यक्तित्व की विशेषताओं में व्यक्ति के मन तथा चिंतन की विशेषताओं, उसके इच्छामूलक क्षेत्र की स्थायी विशेषताओं, जो उसके चरित्र, स्वभाव तथा योग्यताओं में साकार बनती हैं, एक निश्चित ढंग से कार्य करने की पहले से विद्यमान अथवा नयी पैदा हुई प्रेरणाओं, स्वभाव (उत्तेजनशीलता अथवा भावुकता), आदि को शामिल किया जाता है।
20.
किसी भी मानसिक परिघटना (उदाहरणार्थ, भावनाओं के सहसा उभार) को समान रूप से मानसिक प्रक्रिया भी कहा जा सकता है (क्योंकि वह भावात्मक अवस्था की गतिकी को, उसके मंच-सरीखे स्वरूप को अभिव्यक्त करती है) और मानसिक अवस्था भी (क्योंकि वह एक निश्चित काल-खंड में मानसिक क्रिया की विशेषता होती है) तथा व्यक्तित्व की विशेषता की अभिव्यक्ति भी (क्योंकि इससे व्यक्ति की उत्तेजनशीलता, संयमहीनता जैसे गुण सामने आते हैं) ।