फक् कड़ से दिखते इस कवि में कविता का अथक प्रवाह है, बेशक वह सूक् तिमयता के लिहाज से उद्धरणीय न हो।
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इस सन्दर्भ में भागवत पुराण का वेणुगीत विशेष रूप से उद्धरणीय है जिसकी रसविभोर करने वाली भावना छवि संस्कृत मुक्तककाव्यों पर अंकित है।
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परन्तु निलंबित कर्मचारियों को नियुक्ति देने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका निभाने वालों के विरुद्व उद्धरणीय कार्यवाही क्यों नहीं की गई, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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परन्तु निलंबित कर्मचारियों को नियुक्ति देने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका निभाने वालों के विरुद्व उद्धरणीय कार्यवाही क्यों नहीं की गई, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
15.
यशपाल के बारे में उन्होंने जो कुछ भी लिखा, यशपाल के परवर्ती मूल्यांकन में भी उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता और अरसे बाद आज भी वह काफी कुछ उद्धरणीय बना हुआ है।
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इस विषय में डॉओ सत्येन्द्र के ये विचार उद्धरणीय हैं कि वास्तव में, लोक-साहित्य वह मौखिक अभिव्यक्ति है, जो भले ही किसी व्यक्ति ने गढ़ी हो पर आजतक जिसे सामान्य लोक-समूह अपनी ही मानता है.
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बापू कथा की पहली शाम को अपने झोले में एक ‘ राइटिंग पैड ' रख लिया-यह सोचकर कि कोई महत्वपूर्ण, रोचक, उद्धरणीय बात सुनने को मिलेगी तो लिख लूंगा-मेरे बीमा व्यवसाय में काम आएगी ।
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राजेन्द्र उपाध्याय की समीक्षा सामान का बोझ के शीर्षक से ही असद जैदी के प्रति अवमानना का इजहार होता है, इसलिए जाहिर है कि समीक्षा में उन्हीं अंशों, कविताओं को उद्धरणीय माना गया जिनमें असद जैदी ने हिंदी संस्थाओं को किसी न किसी तरह कविताओं की विषयवस्तु बनाते हुए उन पर हिंदूकरण की अवधारणाएं चस्पा की हैं।
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इन विदेशी धर्मों के अंग-संग अफ्रीका का जो उपनिवेशन हुआ, उससे आजाद होने और होते जाने की उत्तर-औपनिवेशिक प्रक्रियाओं वाले अफ्रीका के वर्तमान में नायपाल की यह किताब जैसे-जैसे गहराई में उतरती है, तो इस विदेशियत की अजनबियत भी हमारे सामने बेनकाब होने लगती है इस संदर्भ में नायपाल द्वारा की गई कुछ टिप्पणियां उद्धरणीय लगती है:
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सर्वोच्चता कोई प्रशंसनीय विचार नहीं है | प्रशंसनीय है न्याय, सद्भाव, समानता, करुणा, दया एवं सहयोग को सर्वोच्चता प्रदान करने का भाव | इसलिए भारतीय और सेमेटिक (यहूदी, ईसाई, इस्लाम आदि) धर्मों के बीच धार्मिक समभाव की स्थापना कभी नहीं हो सकती | स्वामी जी ने जिस श् लोक को उद्धृत किया था, वैसा ही एक और श् लोक यहॉं उद्धरणीय है, जो सुभाषित रत्नावली में संग्रहित है |