इसके साथ ही एक सुनिश्चित तथ्य यह भी है कि ऋषि स्तर के व्यक्ति जब उच्च प्रयोजनों के निमित्त तपश्चर्या करते और वातावरण में उपयोगी ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, तो दैवी अनुकम्पा का भी सुयोग बनता है।
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11 फ़रवरी 2004 कि यूरोपीय संसद और परिषद का निर्देशन 2004 / 8/EC जो सह उत्पादन उन्नति ज्ञापन है, जो कि उपयोगी ऊर्जा आंतरिक बाजार के विषय पर है, उसमें अनुच्छेद 5 शामिल है (उच्च क्षमता सह उत्पादन से विद्युत का उगम-कि हामी).