इसके तहत न्यायालय 5 प्रकार की रिट जारी कर सकता है (अनुच्छेद 32) • संसद द्वारा मूल अधिकारों के उपांतरण की शक्ति (अनुच्छेद 33) • संसद विधि द्वारा मार्शल लॉ के प्रवर्तन के दौरान मूल अधिकारों के उल्लंघन की क्षतिपूर्ति (अनुच्छेद 34) इसके साथ ही भारतीय संविधान में लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को निषेध किया गया है।
12.
(3) खंड (2) की कोई बात-(क) राष्ट्रपति को इस संविधान के प्रारंभ से 1 [तीन वर्ष] की समाप्ति के पश्चात् किसी विधि का कोई अनुकूलन या उपांतरण करने के लिए सशक्त करने वाली, या (ख) किसी सक्षम विधान-मंडल या अन्य सक्षम प्राधिकारी को, राष्ट्रपति द्वारा उक्त खंड के अधीन अनुकूलित या उपांतरित किसी विधि का निरसन या संशोधन करने से रोकने वाली, नहीं समझी जाएगी।
13.
392. कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति-(1) राष्ट्रपति किन्हीं ऐसी कठिनाइयों को, जो विशिष्टतया भारत शासन अधिनियम, 1935 के उपबंधों से इस संविधान के उपबंधों को संक्रमण के संबंध में हों, दूर करने के प्रयोजन के लिए आदेश द्वारा निदेश दे सकेगा कि यह संविधान उस आदेश में विनिर्दिष्ट अवधि के दौरान उपांतरण, परिवर्धन या लोप के रूप में ऐसे अनुकूलनों के अधीन रहते हुए प्रभावी होगा जो वह आवश्यक या समीचीन समझे: