• उप-प्रमेय-किसी भी दिए गए काम को करने के लिए कार्यकर्ता के पास कभी भी पर्याप्त समय नहीं होता, जबकि पर्यवेक्षक के पास पर्याप्त से अधिक समय होता है.
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• उप-प्रमेय-किसी भी दिए गए काम को करने के लिए कार्यकर्ता के पास कभी भी पर्याप्त समय नहीं होता, जबकि पर्यवेक्षक के पास पर्याप्त से अधिक समय होता है.
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• उप-प्रमेय-किसी भोजन में स्थाई धब्बा लगाने की जितनी ज्यादा क्षमता होती है, उस भोजन के किसी बच्चे के द्वारा उतने ही मंहगे कपड़े व फर्नीचर पर फैलाए जाने की उतनी ही अधिक संभावना होती है.
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• उप-प्रमेय-किसी भोजन में स्थाई धब्बा लगाने की जितनी ज्यादा क्षमता होती है, उस भोजन के किसी बच्चे के द्वारा उतने ही मंहगे कपड़े व फर्नीचर पर फैलाए जाने की उतनी ही अधिक संभावना होती है.
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बहुदलीय संसदीय जनवादी प्रणाली को संघर्ष के दौरान ‘टेक्टिकल ' इस्तेमाल की एक चीज़ मानने की बजाय जब सर्वहारा जनवाद का ‘आर्गन' घोषित कर दिया जाएगा, तो इस संशोधनवादी प्रमेय से तमाम सारे भद्दे-भोंडे, हास्यास्पद, संशोधनवादी उप-प्रमेय पैदा होने लगेंगे. ने.क.पा.(मा) संसद और गत चुनाव में तथा सरकार में भागीदारी को एक ओर तो एक ‘टेक्टिकल' कार्रवाई मानती है, फ़िर उसी सुर में बहुदलीय जनवाद को सर्वहारा शासन का उपकरण भी घोषित कर देती है.