परगिलन या ऊतकक्षय एवं नि: स्रवण प्रतिक्रियाएँ उग्र प्रदाह में तथा ऊतकक्षय और प्रचुरोद्भवन दीर्घकालिक प्रदाह में प्रधानतया होते हैं।
12.
(1) ऊतकों के पोषण में बाधा-जब ऊतकों को पुष्ट करने के लिए आवश्यक सामग्री वहाँ तक नहीं पहुँच पाती, तब ऊतकक्षय हो सकता है।
13.
रोगाणुओं का विष ऊतकक्षय मिलकर सूत्रमय प्रोटीन बना लेते हैं, जो बहुखंडीय श्वेत कोशिकाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर विविध रक्त कण, तरल पदार्थ तथा ऊतकक्षय सब मिलकर सूजन का रूप ले लेते हैं।
14.
रोगाणुओं का विष ऊतकक्षय मिलकर सूत्रमय प्रोटीन बना लेते हैं, जो बहुखंडीय श्वेत कोशिकाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर विविध रक्त कण, तरल पदार्थ तथा ऊतकक्षय सब मिलकर सूजन का रूप ले लेते हैं।
15.
रोगाणुओं का विष ऊतकक्षय मिलकर सूत्रमय प्रोटीन बना लेते हैं, जो बहुखंडीय श्वेत कोशिकाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर विविध रक्त कण, तरल पदार्थ तथा ऊतकक्षय सब मिलकर सूजन का रूप ले लेते हैं।
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रोगाणुओं का विष ऊतकक्षय मिलकर सूत्रमय प्रोटीन बना लेते हैं, जो बहुखंडीय श्वेत कोशिकाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर विविध रक्त कण, तरल पदार्थ तथा ऊतकक्षय सब मिलकर सूजन का रूप ले लेते हैं।