जब एकयुग्मनज जुड़वां अलग लिंगों के साथ पैदा होते हैं तो ऐसा गुणसूत्र जन्म दोष के कारण होता है.
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जब एकयुग्मनज जुड़वां अलग लिंगों के साथ पैदा होते हैं तो ऐसा गुणसूत्र जन्म दोष के कारण होता है.
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[32]मोनोएम्नियोटिक जुड़वां हमेशा एकयुग्मनज (समान जुड़वां) होते हैं.[34]मोनोएम्नियोटिक जुड़वां में बचने की दर 50%[34] से 60% के बीच है.
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अत्यंत दुर्लभ मामलों में, एकयुग्मनज जुड़वां बच्चों में, जुड़वा बच्चे विपरीत लिंगों (एक पुरुष, एक महिला) के साथ पैदा होते हैं.
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अत्यंत दुर्लभ मामलों में, एकयुग्मनज जुड़वां बच्चों में, जुड़वा बच्चे विपरीत लिंगों (एक पुरुष, एक महिला) के साथ पैदा होते हैं.
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[32] मोनोएम्नियोटिक जुड़वां हमेशा एकयुग्मनज (समान जुड़वां) होते हैं.[34] मोनोएम्नियोटिक जुड़वां में बचने की दर 50%[34] से 60% के बीच है.
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एकयुग्मनज अलग अलग जीनों के सक्रिय होने के कारण अलग अलग तरीकों से विकसित हो सकते हैं. [51] “अर्द्ध-समान जुड़वां” अधिक असामान्य हैं.
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संयुक्त जुड़वां (या प्रतिस्थापित शब्द “स्यामी जुड़वां”) एकयुग्मनज जुड़वां होते हैं जिनके शरीर गर्भावस्था के दौरान एक दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं.
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संयुक्त जुड़वां (या प्रतिस्थापित शब्द “स्यामी जुड़वां”) एकयुग्मनज जुड़वां होते हैं जिनके शरीर गर्भावस्था के दौरान एक दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं.
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निषेचित अण्डों के विभाजन के परिणामस्वरूप एकयुग्मनज (एक अंडा/समान) जुड़वां बच्चों की विभिन्न प्रकारों की कोरियोनिसिटी और एम्नियोसिटी (बच्चे की थैली कैसी दिखती है)