विकास की किरण छूने को तरसते इस इलाके में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भी जा पहुचे और नया जिला बनने के मौके पर उमड़ी आदिवासियों की भीड़ के बीच उन्होंने ऐलान किया कि केंद्र सरकार इलाके के विकास के लिए 30 करोड़ रूपये सालाना देगी और इलाके में एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा | अब देखा ये जाएगा कि सरकार कितना देती है और कितना विकास किसका होता है.
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इनमें इन बातों कीव्यवस्था की गयी कि बैंक (क) एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम केहिताधिकारियों को पास-बुक जारी करें ताकि उन्हें लिये गये ऋण की सहीराशि, बकाया राशि, चुकौती की अवधि आदि के बारे में ज्ञान रहे (ख) छोटेऋणों के लिए अतिरिक्त जमानत, आवश्यक रुझान, कुशलता और विशेषज्ञता वालेस्टाफ की नियुक्ति, व्यावहारिक तरीके से वापसी अदायगी का कार्यक्रम बनानेआदि से संबंधित मार्गदर्शी सिद्धातों का कड़ाई से पालन करें तथा (ग) चुकौती की क्षमता, आस्ति की जीवनावधि आदि घटकों को ध्यान में रखते हुएचुकौती अवधि निर्धारित करें.
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शनिवार को अनुमोदित विकास योजना के अन्तर्गत एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम के लिए एक करोड़ 67 लाख, ग्रामीण रोजगार के लिए पांच करोड़ 88 लाख, पंचायती राज के लिए 9 करोड़, सड़क एवं पुल के लिए आठ करोड़ 90 लाख, बेसिक शिक्षा के लिए दो करोड़ 30 लाख, लघु सिंचाई के लिए तीन करोड़ 88 लाख, एलोपैथिक चिकित्सा के लिए चार करोड़ 67 लाख, ग्रामीण पेयजल के लिए 8 करोड़ 65 लाख,65 लाख का परिव्यय अनुमोदित किया गया।