किंतु प्रत्यक्ष प्रयोग में एक्सरे नलिका से प्राप्त विकिरण का न्यून प्रवेशक्षमतावाला भाग अवशोषक परदे के प्रथम स्तरों में ही पूर्णतया अवशोषित हो जाता है (कम प्रवेशक्षमता के इस एक्सरे को मृदू एक्सरे कहते हैं) ।
12.
एक्सरे नलिका में इलेक्ट्रानों में जो ऊर्जा होती है उसके दो प्रतिशत से कुछ कम भाग का ही एक्सरे में परिवर्तन होता है और शेष 98 प्रतिशत से कुछ अधिक भाग उष्मा उत्पन्न करने में व्यय होता है।