फिर एक दिन बेंजामिन गिलानी और मैं जुनून के सेट पर बैठे बातें कर रहे थे कि अचानक बेंजामिन बोले, ‘मैं तुम्हारे साथ एक नाटक करना चाहता हूं.
12.
जब सुबह उठता हूँ रात में भंभोड़ दिए गए एक जंगली जानवर के पंजों तले अपने क्षत-विक्षत शव को लिए तब लगता है बिना तुम्हें पाये तुम्हें प्रेम करना एक नाटक करना है
13.
यह सच मेरा भी है-जब सुबह उठता हूँ रात में भंभोड़ दिए गए एक जंगली जानवर के पंजों टेल अपने क्षत-विक्षत शव के लिए तब लगता है बिना तुम्हें पाये तुम्हें प्रेम करना एक नाटक करना है
14.
यह सच मेरा भी है-जब सुबह उठता हूँ रात में भंभोड़ दिए गए एक जंगली जानवर के पंजों टेल अपने क्षत-विक्षत शव के लिए तब लगता है बिना तुम्हें पाये तुम्हें प्रेम करना एक नाटक करना है और ३१ के सच से तो मेरे सारे दोस्त २४ और २५ में ही गुजर चुके हैं-एक नौकरी और कितना-कितना आराम घर तो घर मोहल्ले से होकर भगवान् तक की आंखों में आ जाती है दीप्ति आत्मा में शान्ति और क्या... क्या...