प्रयोग के अंत में ऑक्सेलिक अम्ल की कितनी मात्रा विघिटित हुई इसको विलयन में बचे हुए ऑक्सेलिक अम्ल का पौटैशियम परमैंगनेट द्वारा अनुमापन करके ज्ञात करते हैं।
12.
जब इस किरण क्रियामापी को परा बैंगनी या बैंगनी विकिरण द्वारा (२५४०-४३५० एंग्स्ट्रम) प्रकाशित करते हैं तब ऑक्सेलिक अम्ल का विघटन हो जाता है।
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प्रयोग के अंत में ऑक्सेलिक अम्ल की कितनी मात्रा विघिटित हुई इसको विलयन में बचे हुए ऑक्सेलिक अम्ल का पौटैशियम परमैंगनेट द्वारा अनुमापन करके ज्ञात करते हैं।
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प्रयोग के अंत में ऑक्सेलिक अम्ल की कितनी मात्रा विघिटित हुई इसको विलयन में बचे हुए ऑक्सेलिक अम्ल का पौटैशियम परमैंगनेट द्वारा अनुमापन करके ज्ञात करते हैं।
15.
यद्यपि क्वांटम क्षमता तरंग की लंबाई के साथ थोड़ी बहुत बदलती है फिर भी मान लिया गया है कि एक मिश्रित विलयन द्वारा, जिसमें यूरेनाइल सल्फेट तथा ऑक्सेलिक अम्ल की सांद्रता क्रमश: ०.०१ ग्राम अणु तथा ०.०५ ग्राम अणु प्रति लिटर है, २५४०-४३५० एंग्स्ट्रम के प्रकाशतरंग के क्वांटम के अवशोषण से ऑक्सेलिक अम्ल के ०.५७ अणु का विघटन होता है।
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यद्यपि क्वांटम क्षमता तरंग की लंबाई के साथ थोड़ी बहुत बदलती है फिर भी मान लिया गया है कि एक मिश्रित विलयन द्वारा, जिसमें यूरेनाइल सल्फेट तथा ऑक्सेलिक अम्ल की सांद्रता क्रमश: ०.०१ ग्राम अणु तथा ०.०५ ग्राम अणु प्रति लिटर है, २५४०-४३५० एंग्स्ट्रम के प्रकाशतरंग के क्वांटम के अवशोषण से ऑक्सेलिक अम्ल के ०.५७ अणु का विघटन होता है।
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यद्यपि क्वांटम क्षमता तरंग की लंबाई के साथ थोड़ी बहुत बदलती है फिर भी मान लिया गया है कि एक मिश्रित विलयन द्वारा, जिसमें यूरेनाइल सल्फेट तथा ऑक्सेलिक अम्ल की सांद्रता क्रमश: ०.०१ ग्राम अणु तथा ०.०५ ग्राम अणु प्रति लिटर है, २५४०-४३५० एंग्स्ट्रम के प्रकाशतरंग के क्वांटम के अवशोषण से ऑक्सेलिक अम्ल के ०.५७ अणु का विघटन होता है।
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यद्यपि क्वांटम क्षमता तरंग की लंबाई के साथ थोड़ी बहुत बदलती है फिर भी मान लिया गया है कि एक मिश्रित विलयन द्वारा, जिसमें यूरेनाइल सल्फेट तथा ऑक्सेलिक अम्ल की सांद्रता क्रमश: ०.०१ ग्राम अणु तथा ०.०५ ग्राम अणु प्रति लिटर है, २५४०-४३५० एंग्स्ट्रम के प्रकाशतरंग के क्वांटम के अवशोषण से ऑक्सेलिक अम्ल के ०.५७ अणु का विघटन होता है।