ओसांक वह तापमान है जिस पर हवा आगे और ठंडी होने पर अतिरिक्त नमी या बिना दाब में परिवर्तन के संतृप्त हो जाती है।
12.
जब वायु का ताप ओसांक से नीचे गिर जाता है, तब जलवाष्प पानी की बूँदों अथवा ओलों के रूप में धरातल पर गिरने लगता है।
13.
संघनन किसी खुली सतह पर उस समय होता है जब उस सतह का ताप आसपास की वायु के ओसांक (डयू पॉइंट) के ताप से कम होता है।
14.
संघनन किसी खुली सतह पर उस समय होता है जब उस सतह का ताप आसपास की वायु के ओसांक (डयू पॉइंट) के ताप से कम होता है।
15.
संघनन किसी खुली सतह पर उस समय होता है जब उस सतह का ताप आसपास की वायु के ओसांक (डयू पॉइंट) के ताप से कम होता है।
16.
रेनो की सारणी में विभिन्न तापों पर इस अंतर के अनुकूल जलवाष्प की दाब दी हुई है, अत: दोनों तापमापियों का पाठ लेकर आपेक्षिक आर्द्रता तथा ओसांक का मान ज्ञात किया जाता है।
17.
जैसे-जैसे ऊष्मा के स्थानान्तरण स्तर का ताप कम होने लगता है तथा वह निर्धारित आर्द्रता पर ओसांक बिंदु (dewpoint) के समीप होने लगता है संवेदी ऊष्मा की हानि में वृद्धि होने लगती है।
18.
जैसे-जैसे ऊष्मा के स्थानान्तरण स्तर का ताप कम होने लगता है तथा वह निर्धारित आर्द्रता पर ओसांक बिंदु (dewpoint) के समीप होने लगता है संवेदी ऊष्मा की हानि में वृद्धि होने लगती है।
19.
निर्धारित आर्द्रता की परिस्थितियों में ऊष्मास्थानांतरण-स्तर का ताप यदि ओसांक बिंदु से नीचे पहुंच जाता है (अर्थात् प्रवेश करनेवाली वायु के वाष्प के सम्मिश्रण के ओसांक विंदु से नीचे पहुँच जाता है), तो उस प्रावस्था में संपूर्ण ऊष्मा की हानि में वृद्धि हो जाती है, तथा साथ ही साथ संवेदी ऊष्मा की हानि तथा संपूर्ण ऊष्मा की हानि के अनुपात में कमी उत्पन्न हो जाती है।
20.
निर्धारित आर्द्रता की परिस्थितियों में ऊष्मास्थानांतरण-स्तर का ताप यदि ओसांक बिंदु से नीचे पहुंच जाता है (अर्थात् प्रवेश करनेवाली वायु के वाष्प के सम्मिश्रण के ओसांक विंदु से नीचे पहुँच जाता है), तो उस प्रावस्था में संपूर्ण ऊष्मा की हानि में वृद्धि हो जाती है, तथा साथ ही साथ संवेदी ऊष्मा की हानि तथा संपूर्ण ऊष्मा की हानि के अनुपात में कमी उत्पन्न हो जाती है।