स्ट्रोक या सिर में गंभीर चोट लगने के बाद बोलने में कठिनाई होना या बोलना भूल जाना।
12.
पेशाब करने में कठिनाई होना, गुर्दे में जलन होना तथा पुर: स्थग्रंथि का बढ़ जाना ।
13.
पेशाब का बार-बार आना तथा पेशाब करने में कठिनाई होना आदि में यह औषधि अत्यधिक लाभकारी होती है।
14.
चलने में कठिनाई होना जब चलते समय शरीर एक ओर झुकने लगें तो यह ऑस्टियोऑर्थरिटीक हिप का संकेत हो सकता है।
15.
इस रोग के उत्पन्न होने पर सांस लेने में कठिनाई होना, छाती में भारीपन का अनुभव होना आदि लक्षण पाए जाते हैं।
16.
शौच करने में अधिक समय लगना तथा उसमें कठिनाई होना, अथवा पूरी तरह से शौच न कर पाने का अहसास होना, इन सभी को कब्ज
17.
• आँखों को किसी वस्तु या बिन्दु पर कैन्द्रित करने में कठिनाई होना, द्वि-दृष्टिता (हर चीज दो-दो दिखाई देना) या किसी एक आँख के पीछे दर्द होना।
18.
प्रेम की भाषा है ही इतनी सरल, जब पशु पक्षी आसानी से समझ लेते हैं तो फिर इंसान को तो समझने में कठिनाई होना भी नहीं चाहिए.सुन्दर प्रतिक्रया के लिए आभार.
19.
यह औषधि मूत्राशय की जलन, पेशाब करने में कठिनाई होना (मूत्रकृच्छ), मूत्राशय की सूजन तथा सुजाक आदि मूत्राशय से सम्बंधित लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
20.
शौच जाने की संख्या में कमी जिसके साथ शौच करने में अधिक समय लगना तथा उसमें कठिनाई होना, अथवा पूरी तरह से शौच न कर पाने का अहसास होना, इन सभी को कब्ज कहा जाता है।