टीवी पर जो रायबहादुर पुलिस को पूरी तरह से औरतों का शत्रु और नेताओं को एकदम नाकारा बता रहे हैं, उनसे इस बारे में कोई वाजिब जानकारी नहीं मिलती कि अगर बलात्कार विषयक कानून को कठोरतर बनाना हो और पुलिस को अधिक कारगर, तो यह काम विधायिका व प्रशासन की बजाय कोई और नहीं कर सकता।
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खेल-कूद कौतूहल आदि की अभिलाषा के पूर्ण न होने पर ही युवावस्था आकर जबर्दस्ती बाल्यावस्था को निगल जाती है, तदुपरान्त स्त्रीसंभोग आदि की इच्छा की पूर्ति न होने पर ही वृद्धावस्था आकर युवावस्था को स्वाहा कर देती है अतः इन दोनों की (युवावस्था और वृद्धावस्था की) परस्पर कठोरता को देखिये अर्थात् उसी शरीर में होने वाली बाल्यावस्था को यौवन निगल गया अतएव यौवन कठोरतर हुआ, उक्त कठोरतर यौवन को निगलने वाली वृद्धावस्था कठोरतम न होगी तो क्या होगी? ।।
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खेल-कूद कौतूहल आदि की अभिलाषा के पूर्ण न होने पर ही युवावस्था आकर जबर्दस्ती बाल्यावस्था को निगल जाती है, तदुपरान्त स्त्रीसंभोग आदि की इच्छा की पूर्ति न होने पर ही वृद्धावस्था आकर युवावस्था को स्वाहा कर देती है अतः इन दोनों की (युवावस्था और वृद्धावस्था की) परस्पर कठोरता को देखिये अर्थात् उसी शरीर में होने वाली बाल्यावस्था को यौवन निगल गया अतएव यौवन कठोरतर हुआ, उक्त कठोरतर यौवन को निगलने वाली वृद्धावस्था कठोरतम न होगी तो क्या होगी? ।।