| 11. | कड़ाह के चतुर्दिक माला-फूल बिखेर दिये गये।
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| 12. | बाजार में चाशनी का कड़ाह हमेशा चढ़ा रहता है।
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| 13. | रामेश्वरी ने उसे खौलाया, उसमें लौंग डाली और कड़ाह
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| 14. | कड़ाह के चतुर्दिक माला-फूल बिखेर दिये गये।
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| 15. | कतवारू के भट्ठे पर कड़ाह चल रहा था ।
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| 16. | क्यों न चल कर कड़ाह के सामने ही बैठूँ।
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| 17. | रूप में कड़ाह (हलवा) चढ़ाने की विशेष परम्परा है।
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| 18. | कड़ाह से गरम-गरम निकालकर थाल में रखी जाती होंगी।
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| 19. | उसे उबलना पड़ता है कड़ाह में
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| 20. | कड़ाह प्रसाद (हलवा) की व्यवस्था भी 24 घंटे रहती है।
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