शायद वो कडाह प्रसाद के स्वाद के बारे में बातें कर रहे थे और कुछ लोग दूसरी बातों में मशगूल थे।
12.
सबसे बड़े दिन के इंतजार में रातें सड़कों को नापने और हलवाईयों के बड़े कडाह में उबल रहे दूध को पीने की हुआ करती थी.
13.
सबसे बड़े दिन के इंतजार में रातें सड़कों को नापने और हलवाईयों के बड़े कडाह में उबल रहे दूध को पीने की हुआ करती थी.
14.
नगर कीर्तन दरबार के स्वागत हेतु जगह जगह तोरण स्वागत गेट और संगत के लिए मीठे जल की व्यवस्था और कडाह प्रसादी के पंडाल सजाये गये थे।
15.
सारे देवता नाना प्रकार की भोग सामग्रियों से संतुष्ट होते है-जैसे गणेशजी को मोदक, कृष्ण जी को माखन-मिश्री, देवी जी को हलवा (कडाह प्रसाद) तो भैरव जी को सोमरस।
16.
गुरु महाराज ने एक बड़ा कडाह मंगवाया और उसमें पानी, दूध व बताशा मिलाकर उस घोल को अपनी दुधारी तलवार से चलाया और इस अमृत को उन्होंने उन पंज प्यारों को चखाकर सिंह बनाया।
17.
जिस प्रकार आग पर चढे कडाह में जब तक आंच नहीं लगती, तब तक उसमें भरे जल में कोई हलचल दिखाई नहीं देती, किंतु जैसे-जैसे आग तेज होती है जल में हलचल, उबलना, खौलना, भाप बनना सब प्रारंभ हो जाता है।
18.
उसने विक्रम को जब सब कुछ खुद बताया तो विक्रम ने उसे देवी वाली थैली देते हुए कहा कि रोज़-रोज़ कडाह में उसे कूदकर प्राण गँवाते देख वे द्रवित हो गए, इसलिए उन्होंने देवी से वह थैली ही सदा के लिए प्राप्त कर ली।
19.
उसने विक्रम को जब सब कुछ खुद बताया तो विक्रम ने उसे देवी वाली थैली देते हुए कहा कि रोज़-रोज़ कडाह में उसे कूदकर प्राण गँवाते देख वे द्रवित हो गए, इसलिए उन्होंने देवी से वह थैली ही सदा के लिए प्राप्त कर ली।
20.
विवाह संस्कार समाप्ति हुई. विदाई में राजा ने अन्न से भरे हुए सोने की कडाह, सैकड़ो घी के घड़े, हजारो घड़े दूध, करोडो गाये, दस हजारो घोड़े, हाथियों, और दास-दासिओ को भगवान विष्णु के चरणों में दहेज़ के रूप में समर्पित किये.