' जो डीमैगियो ' से अलग होने के बाद अपने अभिनय-कला को और मांजने के लिए ऊन्होने,प्रख्यात रुसी कथा-लेखक और नाटककार 'चेखव' के भतीजे 'माइकेल चेखव' से बहुत दिनों तक अभिनय की शिक्षा ली.
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जिनके घर में मैं शैतानियाँ किया करता था, जिनके कुत्ते को नाहक परेशान किया करता था, वह रेणुजी कितने प्रतिभावान और सरस कथा-लेखक हैं-यह जानकार अपने बालपन की नादानियों का मुझे क्षोभ भी हुआ था;
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मुझे मालूम है कि अन्तर्वासना के पाठक-पाठिकाएँ अपने प्रिय कथा-लेखक प्रेमगुरू जी की कहानियाँ कितने दिलोजान से पढ़ते हैं लेकिन सभी पाठक इस बात को नहीं जानते होंगे कि सर्वप्रिय लेखक प्रेमगुरू अब कथा-लेखन को अलविदा कह चुके हैं।
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' जो डीमैगियो ' से अलग होने के बाद अपने अभिनय-कला को और मांजने के लिए ऊन्होने, प्रख्यात रुसी कथा-लेखक और नाटककार ' चेखव ' के भतीजे ' माइकेल चेखव ' से बहुत दिनों तक अभिनय की शिक्षा ली.
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पाठक नहीं होगा तो कथा-लेखक क्या करेगा? पुन्नी सिंह ने एक महत्वपूर्ण बात कही जब वे छोटे थे तो गांव में पढ़ने के लिये कथा साहित्य उपलब्ध रहता था, परन्तु अब गाँव के लोग पढ़ने-पढ़ाने में जरा भी रूचि नहीं रखते ।
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जिनके घर में मैं शैतानियाँ किया करता था, जिनके कुत्ते को नाहक परेशान किया करता था, वह रेणुजी कितने प्रतिभावान और सरस कथा-लेखक हैं-यह जानकार अपने बालपन की नादानियों का मुझे क्षोभ भी हुआ था ; लेकिन तब, मेरा मुझ पर जोर भी कहाँ था! किराए के मकान को बार-बार बदलने के कारण मेरे पिताजी का आवासीय पता रह-रहकर बादल जाता था।