| 11. | दो.-सेतु बाँधि कपि सेन जिमि उतरी सागर पार।
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| 12. | कपि हुए नम्र, क्षण में माता-छवि हुई लीन,
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| 13. | सप्तगोदावरे तीर्थे पातालम गमत कपि: ” ।
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| 14. | बरनन बर्षा सरद अरु राम रोष कपि त्रास।।
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| 15. | सुनि सुग्रीव हरष कपि करि आए प्रभु काज।।28।।
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| 16. | ' कवि मंच अब कपि मंच बन गया है'
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| 17. | दो0-सकल चरित तिन्ह देखे धरें कपट कपि देह।
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| 18. | ऊँ हं हं हांक देत कपि चंचल ।
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| 19. | को नहिं जानत है जग में कपि संकट
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| 20. | ' कवि मंच अब कपि मंच बन गया है'
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