जो मारे गए, वे कहाँ वापस आते? मौंदाड़स्यूँ का एक अंधा गायक कोटद्वार रेल स्टेशन पर जाते सिपाहियों के लिए विदाई के करुण गीत गाता था और सिपाही उसके हाथ में कुछ पैसे थमा देते थे।
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जो मारे गए, वे कहाँ वापस आते? मौंदाड़स्यूँ का एक अंधा गायक कोटद्वार रेल स्टेशन पर जाते सिपाहियों के लिए विदाई के करुण गीत गाता था और सिपाही उसके हाथ में कुछ पैसे थमा देते थे।
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विडंबना ' कहने का तात्पर्य मेरा इससे है कि जो कवि जीवन भर मार्क्सवाद का अनुयायी बनकर जीवन का करुण गीत गाता रहा और अंत समय में खुद एक करुण कहानी बन गया, लेकिन विडंबना का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आत्महत्या करते समय विलास ने अपने सिर पर लाल झंडा नहीं बल्कि नीला रिबन लपेट रखा था।