| 11. | करुण रस को रसों का राजा माना जाता है।
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| 12. | गांधार और निषाद की बहुलता से करुण रस...
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| 13. | करुण रस गुलाम शाह की कविता में भरा पड़ा है।
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| 14. | विचार-परम्परा भी करुण रस को विशेष गौरवित बनाती है,
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| 15. | करुण रस की व्यंजना भी उनके काव्य में हुई है।
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| 16. | बस यहीं से करुण रस टपकना प्रारंभ हो जाता है।
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| 17. | यह विचार-परम्परा भी करुण रस को विशेष गौरवित बनाती है,
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| 18. | करुण रस गुलाम शाह की कविता में भरा पड़ा है।
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| 19. | और उसका आधार करुण रस का उक्त श्लोक ही है।
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| 20. | करुण रस की व्यंजना भी उनके काव्य में हुई है।
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