एरियन ने समृद्ध परिवारों के द्वारा हाथीदाँत के कर्णाभूषण का इस्तेमाल किए जाने का उल्लेख किया है।
12.
उसी के साथ कर्णाभूषण हल्के मगर फैले हुए लगभग पूरे कान को ढकते हुए भी चलन में हैं।
13.
गंगा और यमुना दोनों ही कर्णाभूषण, हार, गै्रयेवक, बाजूबंद, करधनी तथा पैंजनी से अलंकृत हैं।
14.
सुन्दरी ने भी साड़ी के आँचल से सिर और कान ढाँक रखे हैं, उसका तर्योना (कर्णाभूषण) पट से ढँका हुआ भी झिलमिलकर रहा है.
15.
संगीत-समारोह प्रदर्किात करते एक प्रस्तरखंड में एक नर्तकी के हाथों में चूडियाँ, पैरों में चूड़े, कानों में झमकीदार कर्णाभूषण और साड़ी के दोनों ओर किंकणियों की झालर आभूषित है ।
16.
इनके साम्प्रदायिक चिह्न इनकी छः मुद्रिकाएँ थीं, जो इस प्रकार हैं-1. कंठहार 2. आभूषण 3. कर्णाभूषण 4. चूड़ामणि 5. भस्म और 6. यज्ञोपवीत।
17.
कवि तो अपनी नायिका पर सारे उपमान न्योछावर कर देता है-श्वेत साड़ी गंगाजल सी और कर्णाभूषण में सूर्य की कल्पना! कैसा निर्मल मन-दिव्य भाव का उन्मेष शब्दों में छलक आया है, (अगर सुन्दरता की बहक में कुछ और भी कहने लगता तो उसका क्या कर लेता कोई!) आज तो गंगाजल का छिड़काव कर मन के कल्मष धो डाले हैं-आर-पार निर्मल, एकदम स्वच्छ!