उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना में बीमांकितों की चिकित्सा के लिए 0 1 अरब 15 करोड़ 81 लाख 0 2 हजार रुपये की व्यवस्था की है।
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केन्द्र सरकार सरकारी राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करके इस अधिनियम के प्रवधानों के अनुसार कर्मचारी राज्य बीमा योजना के प्रशासन के लिए ' ' कर्मचारी राज्य बीमा निगम” नामक निगम स्थापित कर सकती है।
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उन्होंने हरिद्वार एवं रुद्रपुर में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत 200 बैड का अस्पताल एवं देहरादून में 100 बैड का अस्पताल बनाने के लिए निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।
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उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा योजना भारत सरकार के कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम-1948 के अधीन विद्युत चालित प्रतिष्ठानों में कम से कम 10 तथा गैर विद्युत चालित प्रतिष्ठानों में 20 कर्मचारियों पर लागू है किन्तु इनका मासिक वेतन 15, 000 रुपये प्रतिमाह तक होना चाहिए।
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कर्मचारी राज्य बीमा योजना बीमाकृत व्यक्तियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को भी, जहाँ परिवारों के विशेषज्ञ परामर्श, अस्पताल में भर्ती हेतु सुविधा विस्तारित की गई है, को चिकित्सा परिचर्या, उपचार, औषधियाँ तथा टीके, विशेषज्ञ परामर्श तथा अस्पताल में भर्ती के रूप में चिकित्सा देखभाल मुहैया कराता है ।
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भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर आगामी एक मई से कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत ज्यादा कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ पहुँचाने के लिए यह सुविधा हासिल करने की अधिकतम मजदूरी की सीमा को 10 से बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दिया।
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भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर आगामी एक मई से कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत ज्यादा कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ पहुँचाने के लिए यह सुविधा हासिल करने की अधिकतम मजदूरी की सीमा को 10 से बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दिया।
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यूनियन की प्रमुख मांगों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआई) लागू करना, नोटिफाइड डिपो में नो वर्क पे सिस्टम लागू करना, समस्त श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी देना, पहले की तरह विभागीय अथवा डीपीएस के मृत श्रमिकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देना, बोनस संशोधन अध्यादेश 2007 के अनुसार डीपीएस और नो वर्क-नो पे में कार्यरत श्रमिकों को बढ़ी हुई दर से बोनस, एक्सग्रेशिया का भुगतान, ठेकेदारी प्रथा ख़त्म करना और बंद पड़े रेल साइडिंग को दोबारा खोलना आदि शामिल हैं.