उनकी कई और किताबें हिंदी में प्रकाशित हुई थीं जिनमें प्रमुख हैं भक्त शिरोमणि महाकवि तुलसीदास, भक्त शिरोमणि महाकवि सूरदास, रामानुज, समालोचना तत्व, काव्य रहस्य, कला तत्व और रहस्यवाद तत्व, उच्चविषयक लेखमाला और मोहनमाला छोटी गल्पें।
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इसके अतिरिक्त मनुश्य के प्रत्यक्ष ज्ञान के दायरे में जो कुछ आया मसलन श्रम की विवशता, श्रम से जुडे़ उत्पादन का महत्व और उत्पाद की प्राप्ति, श्रम से जुड़े कला तत्व का ज्ञान, कला का कुशलता से मेल, कला का उत्पादन से मेल, कला से उत्पन्न रंजकता।
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इसके अतिरिक्त मनुश्य के प्रत्यक्ष ज्ञान के दायरे में जो कुछ आया मसलन श्रम की विवशता, श्रम से जुडे़ उत्पादन का महत्व और उत्पाद की प्राप्ति, श्रम से जुड़े कला तत्व का ज्ञान, कला का कुशलता से मेल, कला का उत्पादन से मेल, कला से उत्पन्न रंजकता।