नर्म एहसास तुम्हारी हथेली काहिस्सा हो जैसे जादू भरी पहेली काआज है मेरी नन्ही सी बेटी काकल यही होगा मेरी सबसे प्यारी सहेली का...
12.
काकुद (सं.) [सं-पु.] मुख विवर के अंदर ऊपर की दंतपंक्ति से लेकर अलिजिह्वा या काकल तक का भाग ; तालु।
13.
यदि काकल के एक देश में स्वरतंत्रियांॅ कंपित हों और एक देश खुला रहे तो कुछ हवाखुले मार्ग से व्यर्थ बाहर निकल जाएगी और वायुदाब गिर जाएगा.
14.
(व्यंजनों का उच् चारण करते समय मुखाववय में यथास्थिति आंशिक या पूर्ण अवरोध होता है, फिर भले ही काकल में अवरोध हो या नहीं ।)
15.
काकल्य स्वरतंत्रियों के मध्य स्थित वायुमार्ग ' काकल ' कहलाता है तथा ' काकल ' स्थान से उच्चारित ध्वनि काकल्य कहलाती हैं, जैसे-विसर्ग (ः) तथा ' ह् ' ।
16.
काकल्य स्वरतंत्रियों के मध्य स्थित वायुमार्ग ' काकल ' कहलाता है तथा ' काकल ' स्थान से उच्चारित ध्वनि काकल्य कहलाती हैं, जैसे-विसर्ग (ः) तथा ' ह् ' ।
17.
इसकी ध्वनियों में ग, ज, ड, और ब अतिरिक्त और विशिष्ट ध्वनियाँ हैं जिनके उच्चारण में सवर्ण ध्वनियों के साथ ही स्वर तंत्र को नीचा करके काकल को बंद कर देना होता है जिससे द्वित्व का सा प्रभाव मिलता है।
18.
इसकी ध्वनियों में ग, ज, ड, और ब अतिरिक्त और विशिष्ट ध्वनियाँ हैं जिनके उच्चारण में सवर्ण ध्वनियों के साथ ही स्वर तंत्र को नीचा करके काकल को बंद कर देना होता है जिससे द्वित्व का सा प्रभाव मिलता है।
19.
इसकी ध्वनियों में ग, ज, ड, और ब अतिरिक्त और विशिष्ट ध्वनियाँ हैं जिनके उच्चारण में सवर्ण ध्वनियों के साथ ही स्वर तंत्र को नीचा करके काकल को बंद कर देना होता है जिससे द्वित्व का सा प्रभाव मिलता है।
20.
कल फिर सुबह सुबह ही धो आएंगे अपने दरवाजे, कल फिर रख आएंगे कलशे दरवाजे पर भरवा के,कल फिर महक उठेगा आँगन फूलों से मेरे घर काकल फिर हर आहट पे लगेगा, लो वो आया, अब आया,कल फिर यूँ ही ये शक होगा द्वार किसी ने खटकाया,कल फिर शायद खुला रहेगा दरवाजा मेरे दर का।