डरपोक आदमी, कायर आदमी, पाप से भयभीत होने वाले आदमी, गुंडागर्दी के भय से मुँह छिपाने वाले आदमी कभी भी इन बुराइयों को दूर नहीं कर पाएँगे और इस तरह समाज में जहाँ सुव्यवस्था की आवश्यकता है, जहाँ अनीति के निवारण की इस प्रकार की आवश्यकता है, वह पूरी न हो पाएगी।