It is this bit of parental body that grows to enormous size to make the offspring . जनकीय काया का यह छोटा सा अंश विशाला आकार धारण करते हुए एक संतान के रूप में जन्म लेता है .
12.
THE YEAR ' S TRENDS : INDIAN FASHION was it the long or short of it in length ? आखिर भारतीय फैशन की दुनिया में परिधानों की लंबाई या छोटाई ने तहलका मचाया या काया को उभारने वाले परिधानों ने ?
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Looking at the frail form of the moon , all of them melted and requested their father to withdraw the curse . रोहणी आकुल-व्याकुल , बहनों से च्रद्रमा के स्वास्थ्य के लिए अनुनय-विनय करने लगी.चंद्रमा की क्षीण काया देख सभी ऋषि के पास जाकर सुहाग रक्षा की प्रार्थना करने लगी .
14.
While most ministers bowed to the godman in the pmo corridors and ingratiated themselves with him , Prasada would walk on without lowering an inch of his 6 ft 3 inch frame , a scowl of scornful disregard on his face . जहां ज्यादातर मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय के गलियारों में स्वयंभू भगवान के आगे सिर ज्हुका देते थे , वहीं प्रसाद 6 फुट 3 इंच लंबी काया को एक इंच भी ज्हुकाए बिना और तिरस्कार के भाव के साथ आगे बढे जाते थे .
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The monk sat down beside the unconscious body and raising the woman 's head rested it in his lap , poured water on her dry lips , smeared the body with cool and fragrant sandal paste and chanted prayers for her recovery . वह भिक्षु उस मूर्च्छित पड़ी काया की बगल में बैठ गया.उसने उस स्त्री का सिर अपनी गोद में रख लिया.उसके प्यासे और सूखे होठों को पानी पिलाया , उसकी देह पर शीतल और सुगंधित चंदन का लेप लगाया और उसके स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की .
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The metaphor changes from poem to poem , ” I saw-in the dusk of my wearied consciousness-my body float down the murky river , loaded with its tore of feelings and its multiple pains . . .. यह रूपकालंकार एक कविता से दूसरी कविता तक बदलता रहता . ? मैंने देखा- अपनी थकी-हारी सचेतन भरी शाम में- मेरा शरीर उस अंधेरी नदी में तैर रहा है , विचार और अनगिनत पीड़ा से लदा हुआ . . . काया वैसे ही छाया में विलीन होती जैसे कि किसी के सपने अंधेरे की स्याह हथेली से पुंछ जाएं .
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The metaphor changes from poem to poem , ” I saw-in the dusk of my wearied consciousness-my body float down the murky river , loaded with its tore of feelings and its multiple pains . . .. यह रूपकालंकार एक कविता से दूसरी कविता तक बदलता रहता . ? मैंने देखा- अपनी थकी-हारी सचेतन भरी शाम में- मेरा शरीर उस अंधेरी नदी में तैर रहा है , विचार और अनगिनत पीड़ा से लदा हुआ . . . काया वैसे ही छाया में विलीन होती जैसे कि किसी के सपने अंधेरे की स्याह हथेली से पुंछ जाएं .
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The metaphor changes from poem to poem , ” I saw-in the dusk of my wearied consciousness-my body float down the murky river , loaded with its tore of feelings and its multiple pains . . .. यह रूपकालंकार एक कविता से दूसरी कविता तक बदलता रहता . ? मैंने देखा- अपनी थकी-हारी सचेतन भरी शाम में- मेरा शरीर उस अंधेरी नदी में तैर रहा है , विचार और अनगिनत पीड़ा से लदा हुआ . . . काया वैसे ही छाया में विलीन होती जैसे कि किसी के सपने अंधेरे की स्याह हथेली से पुंछ जाएं .
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The metaphor changes from poem to poem , ” I saw-in the dusk of my wearied consciousness-my body float down the murky river , loaded with its tore of feelings and its multiple pains . . .. यह रूपकालंकार एक कविता से दूसरी कविता तक बदलता रहता . ? मैंने देखा- अपनी थकी-हारी सचेतन भरी शाम में- मेरा शरीर उस अंधेरी नदी में तैर रहा है , विचार और अनगिनत पीड़ा से लदा हुआ . . . काया वैसे ही छाया में विलीन होती जैसे कि किसी के सपने अंधेरे की स्याह हथेली से पुंछ जाएं .