एक वजह तो यही थी कि कपडा मिलों में संगठित मजदूर आंदोलनों से नौकरी की सुरक्षा अधिक थी, कार्य स्थितियां बेहतर थीं, सामूहिकता का आनंद था और कारखाने में काम करना देश के लिए कुछ करने जैसा समझा जाता था।
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अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की कार्य स्थितियां तथा रोजगार कार्यक्रम के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी और इस अध्ययन के सह लेखक जान सी मेसेंजर के अनुसार एक अच्छी बात यह है कि विकासशील और संक्रमणकालीन देशों में साधारण काम के घंटों को नियमित करने में प्रगति हुई है, लेकिन कुल मिलाकर अध्ययन निष्कर्ष विशेषकर अत्यंत लंबे श्रम के घंटों के बारे में निश्चित रूप से चिंताजनक है।