कालमान के अनुसार देशाचार, कुलाचार और जातिधर्म का भी विचार करना पड़ता है, क्योंकि आचार ही सब धर्मों की जड़ है।
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सौरमास का अधिकतम कालमान सौर आषाढ़ में 31 दिन, 10 घंटे, 53 मिनट और न्यूनतम मान पौष मास में 29 दिन, 10 घंटे, 40 मिनट का होता है।
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पद्म पुराण>पद्मपुराण का उपक्रम तथा परिचयभीष्म और पुलस्त्य संवाद-भगवान् विष्णु की म&ब्रह्माजी की आयु तथा युग आदि का कालमान, भगवा&यज्ञ के लिए ब्राह्मणादि वर्णों तथा अन्न की लक्ष्मी जी के प्रादुर्भाव की कथा, समुद्र-मंविष्णु पुराणशिव पुराणश्री मद्भागवत पुराण>
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फ़िर उठी, भरपूर ताकत से उस बूढी औरत का कंधा पकड लिया, लटके हुए चेहरे से बहुत धीमी आवाज में पूछने लगी, '' मुझे यहां किसलिये लायी थीं? अब मैं यहां से आगे कैसे इंतजार करुंगी? '' और बस आसूं यूं बह निकले, मानो एक मुक्त झरना!-लेखक: कालमान मिकसात अनुवाद: इन्दु मजलदान मई 15, 2002