बस एक केंद्र ही ऐसा है जो किंचित भी नहीं सनकता है, कोई आये कोई जाये ध्रुवतारे सा अविचल रहता है।
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बस एक केंद्र ही ऐसा है जो किंचित भी नहीं सनकता है, कोई आये कोई जाये ध्रुवतारे सा अविचल रहता है।
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ऐसा तो किंचित भी नहीं था कि कोई आम-फ़हम अविवेकी मुँह उठाए गाज़ी बनने को निकल पडे!!हटाएंप्रत्युत्तर देंसुज्ञसोमवार, 9 जुलाई 2012 5:50:00
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जो सदैव सत्कर्मों में लिप्त रहते हैं, सेवा-परोपकार व भक्ति में जीवन बिताते हैं, उन्हें मृत्यु का भय किंचित भी नहीं होता।
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विश्वनाथजी को भी हम आभार कहेंगें जो कि उन्होंनें अपने व अपने पुत्र के संबंध में जो जानकारी दी उसमें आत्मप्रवंचना का पुट किंचित भी नहीं था ।
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पुष्कर की स्थिति और सृष्टि के संबंध में अनेक मत होने के उपरांत भी श्रद्धालुओं के मन में पुष्कर राज के प्रति जो आस्था है किंचित भी नहीं डिग पाती।
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विश्वनाथजी को भी हम आभार कहेंगें जो कि उन् होंनें अपने व अपने पुत्र के संबंध में जो जानकारी दी उसमें आत् मप्रवंचना का पुट किंचित भी नहीं था ।
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पुष्कर की स्थिति और सृष्टि के संबंध में अनेक मत होने के उपरांत भी श्रद्धालुओं के मन में पुष्कर राज के प्रति जो आस्था है किंचित भी नहीं डिग पाती.
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धोखादायक क्रांतिकारी समझकर वहांके कारागृह अधिकारीने उनसे अत्याधिक कठोर परिश्रम करवा लिए ; परंतु उनके मनमें धधक रही क्रांतिकी भावना किंचित भी नहीं घटी, अपितु वह अधिक धारदार हुई ।
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अत: बाइबल भी धर्मग्रंथ किंचित भी नहीं अपितु जेरूशलम और कौरिन्थ स्थित कृष्ण मंदिरों के संचालकों के परस्पर मतभेद का कुछ संहतीकृत और कुछ लाक्षणिक कथामात्र एंव उसका परवर्ती संस्करण है।