| 11. | आज कुंचन स्मारकम एक राष्ट्रीय स्मारक है और इसमे पुस्तकालय और औडिटोरियम भी है।
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| 12. | 18वीं सदी के ऊषाकाल में एक महान् तेज: पुंज का उदय हुआ-तुल्लल्-साहित्य के उपज्ञाता कुंचन नंप्यार का।
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| 13. | 18वीं सदी के ऊषाकाल में एक महान् तेज: पुंज का उदय हुआ-तुल्लल्-साहित्य के उपज्ञाता कुंचन नंप्यार का।
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| 14. | कृष्णगाथा के बाद मणिप्रवाल में एक महाकाव्य-“श्रीकृष्णचरितम्”-की रचना हुई (अधिकांश विद्वान् इसे कुंचन नंप्यार की रचना मानते हैं)।
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| 15. | कृष्णगाथा के बाद मणिप्रवाल में एक महाकाव्य-“श्रीकृष्णचरितम्”-की रचना हुई (अधिकांश विद्वान् इसे कुंचन नंप्यार की रचना मानते हैं)।
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| 16. | (९) प्रसव के तृतीय अवस्था में गर्भाशय कुंचन के कारण रक्त का एक बड़ा आयतन हृदयके दक्षिण ओर चला जाता है.
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| 17. | 200 हैक्टैयर में फैला कुंचन स्मृतिवनम, जिसका नाम महान मलयालम कवि कुंचन नांबियार के नाम पर रखा गया था, इस अभ्यारण्य का एक हिस्सा है।
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| 18. | 200 हैक्टैयर में फैला कुंचन स्मृतिवनम, जिसका नाम महान मलयालम कवि कुंचन नांबियार के नाम पर रखा गया था, इस अभ्यारण्य का एक हिस्सा है।
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| 19. | 200 हैक्टैयर में फैला कुंचन स्मृतिवनम, जिसका नाम महान मलयालम कवि कुंचन नांबियार के नाम पर रखा गया था, इस अभ्यारण्य का एक हिस्सा है।
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| 20. | 200 हैक्टैयर में फैला कुंचन स्मृतिवनम, जिसका नाम महान मलयालम कवि कुंचन नांबियार के नाम पर रखा गया था, इस अभ्यारण्य का एक हिस्सा है।
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