इस प्रकार उक्त वाहन के स्वामी एवं बीमा कंपनी को पक्षकार न बनाए जाने के कारण याची की याचिका में पक्षकारों के कुसंयोजन का दोष है?
12.
निस्तारण वाद बिन्दु सं 0-12 यह वाद बिन्दु असंयोजन एवं कुसंयोजन के संबंध में बनाया गया है जिसका निस्तारण दि0-4-2-08 के आदेश द्धारा किया जा चुका है जो निर्णय का अंश रहेगा।
13.
ऐसी स्थिति में प्रश्नगत ट्रक के स्वामी एवं बीमा कम्पनी को गलत ढंग से पक्षकार बनाया जाना नहीं माना जा सकता है और न ही इस याचिका में उपरोक्त पक्षों के पक्षकार बनाये जाने से कुसंयोजन ही माना जा सकता है।
14.
आदेश-1 नियम-9 जा0दी0 के अनुसार भी कोई भी वाद पक्षकारों के कुसंयोजन या असंयोजन के कारण विफल नहीं होगा और न्यायालय हर वाद में विवादित विषय का निपटारा वहां तक कर सकेगा, जहां तक पक्षकारों के उनके समक्ष है, अधिकारों और हितों का संबंध है।