| 11. | प्राकृतिक संवातन का आधार संवाती कूपक के भीतर की हवा के और धरातल पर बाहर की हवा के तापमान का अंतर है।
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| 12. | कूपक सीढ़ी वह है जिसमें पीछे वाली तथा आगे वाली सोपान पंक्तियों के बीच एक चौकोर कूप या खुला स्थान होता है।
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| 13. | प्राकृतिक संवातन का आधार संवाती कूपक के भीतर की हवा के और धरातल पर बाहर की हवा के तापमान का अंतर है।
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| 14. | यह विधि कूपक गलाने के लिए अच्छी है और अनेक स्थानों में सफलतापूर्वक प्रयुक्त हुई है, किंतु सुरंगों के लिए नहीं आजमाई गई।
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| 15. | वसंत और शरद ऋतुओं में कूपक के भीतर और बाहर तापमान का अंतर नहीं के बराबर होता है, इसलिए संवातन नहीं हो पाता।
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| 16. | यह विधि कूपक गलाने के लिए अच्छी है और अनेक स्थानों में सफलतापूर्वक प्रयुक्त हुई है, किंतु सुरंगों के लिए नहीं आजमाई गई।
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| 17. | वसंत और शरद ऋतुओं में कूपक के भीतर और बाहर तापमान का अंतर नहीं के बराबर होता है, इसलिए संवातन नहीं हो पाता।
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| 18. | ऊपर से नीचे सुरंगों तक जाने का मार्ग, यदि यह ऊर्ध्वाधर है तो कूपक, और यदि तिरछा हो तो ढाल या ढालू कूपक कहलाता है।
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| 19. | ऊपर से नीचे सुरंगों तक जाने का मार्ग, यदि यह ऊर्ध्वाधर है तो कूपक, और यदि तिरछा हो तो ढाल या ढालू कूपक कहलाता है।
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| 20. | यांत्रिक संवातन का सिद्धांत यह है कि यथासंभव सुरंग के बीचोबीच से किसी कूपक द्वारा जिसके मुँह पर पंखा लगा होता है, गंदी हवा निकलती रहे।
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