| 11. | कृषिकर्म और वाणिज्य-व्यवसाय का श्रीगणेश हुआ।
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| 12. | रामायण का कालखण्ड क्या कृषिकर्म (खेती) से परिचित था।
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| 13. | कृषिकर्म के लिए सबको प्रकृति पर आश्रित रहना पड़ता था.
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| 14. | सीमित आवश्यकताओं में विश्वास रखनेवाले, अपने कृषिकर्म और आश्रमजीवन से संत
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| 15. | है, जो ज्ञान, शक्तिसंचय, संपत्ति तथा कृषिकर्म के अतिरिक्त किसी पाँचवें
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| 16. | लोग अपने-अपने धर्म में निरन्तर संलग्न हुए शान्त और कृषिकर्म में
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| 17. | कृषिकर्म से ही जुड़े होते हैं, परंतु इनके लिए और भी
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| 18. | कृषिकर्म पर निर्भर होने से कभी भूमिहार या पश्चिमा कहता है वही कभी
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| 19. | अन्य क्षेत्रों की भांति कृषिकर्म भी उनके हमले से अछूता न था.
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| 20. | अर्थात् ” पूर्वोक्त संध्यास्नानादि षट्कर्म करने वाला ब्राह्मण जीविका के लिए कृषिकर्म करवावे।
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