स्पर्टावासियों की भांति कृषिदास भी यूनानी ही थे, मगर जहां पूंजीपति वर्ग बिना कुछ श्रम किए मौज-मस्ती भरा जीवन जीता था, वहीं कृषिदासों को उपज का मामूली हिस्सा ही हाथ लगता था.
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भू-स्वामित्व के अधिकार से वंचित हेलाॅट का दायित्व था, स्पार्टा के नागरिकों के लिए आवश्यक अन्न एवं वस्त्रादि की व्यवस्था करना. ये कृषिदास जमीन से बंधे होते थे. उनको खरीदने और बेचने पर पाबंदी थी.