साथ ही गुरुवार को मिट्टी के गमले में केले का पौधा लगाकर उसका पूजन कर उसमें 9 या 11 बार मौली अथवा कलावा बांधें तथा 125 ग्राम गुड़, 125 ग्राम पिसी हल्दी तथा चने की दाल, पांच पीले फूल, पांच केले, कोरे पीले कपड़े में बांधकर उस पर अर्पित करें।
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इस लिए भूल कर भी आज जिस तरह से मुम्बई, डेल्ही जैसे बड़े शहरों में अपने बालकोनी के अंदर केले का पौधा लगाने कि परम्परा चली है, वह अच्छा नहीं माना जाएगा! क्यूंकि साफ़ तौर पर केले को एक ही बार प्रगति देने वाला पौधा माना गया है।