जितना मैं तुझे प्यार करती थी निःसन्देह तू भी मुझे उतना ही चाहती थी मगर अफसोस, विधाता ने हम दोनों को जुदा कर दिया और मुझे तेरी भोली सूरत देखने के लिये तरसना पड़ा! परन्तु कोई चिन्ता नहीं, यद्यपि मेरी तरह तू भी दुःख भोग रही है मगर तू चाहेगी तो मैं कैद से छूट जाऊंगी और साथ ही इसके तू भी कैदखाने से बाहर मुझसे मिलेगी।