कोटि क्रम मापनी विधि में दो तरह के निर्णय लिये जा सकते हैं. या तो उद्दीपकों को क्रमिक श्रृंखला में देकर उन्हीं निरीक्षणकर्ताओंद्वारा कई बार कोटि क्रम (रन्क् ओर्डेर्) निर्धारित किए जाते हैं या कईनिरीक्षणकर्ताओं से एक बार ही कोटि क्रम लिया जाता है.
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कोटि क्रम मापनी विधि में दो तरह के निर्णय लिये जा सकते हैं. या तो उद्दीपकों को क्रमिक श्रृंखला में देकर उन्हीं निरीक्षणकर्ताओंद्वारा कई बार कोटि क्रम (रन्क् ओर्डेर्) निर्धारित किए जाते हैं या कईनिरीक्षणकर्ताओं से एक बार ही कोटि क्रम लिया जाता है.
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> ‘ कबीर ' मन फूल्या फिरै, करता हूं मैं ध्रंम कोटि क्रम सिरि ले चल्या, चेत न देखै भ्रम संत शिरोमणि कबीर दास जी कहते हैं कि आदमी अपने सिर पर कर्मकांडों का बोझ ढोते हुए फूलता है कि वह धर्म का निर्वाह कर रहा है।