रंग बिरंगे पंखो वाली मस्त मस्त चलो वाली फूलो का रस पीती हो तुम लगाती हो कितनी प्यारी हर जान का मन मोह लेती है हर दम अठकेली, मस्ती करने वाली कोमल कोमल पंख तुम्हारे छोटा है जीवन बगीचे की शान हो खुबसूरत इतनी हो तुम पर नहीं है ज़रा गुरुर इसलिए तितली रानी तुम सबको इतना भाती हो