प्रथम अध्याय “ व्हाय मार्स एँड वीनस कोलाइड ” में बताया गया है कि किन कारणों की वजह से आदमी और औरत आपस में टकराते है और आपसी सम्बन्ध कड़वा बना लेते हैं ।
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जीवद्रव्यों के कई प्रकार होते हैं, जैसे कोलाइड (colloid), कणाभ (granular), तंतुमय (fibrillar), जालीदार (reticular), कूपिकाकार (alveolar), आदि।
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जान ग्रे द्वारा लिखित पुस्तक “ व्हाय मार्स एँड वीनस कोलाइड ” काफ़ी वैज्ञानिक तथ्यों और तर्कों, वितर्कों के विश्लेषण के उपरान्त लिखी एक अच्छी किताब है जिसे आदमी और औरत अपने आपसी रिश्तों में सुधार करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
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कभी-कभी, ट्यूमर कोशिकाएं, गैर-संसिक्त और स्रावित श्लेष्मा होती हैं, जो ग्रंथिकर्कटता का उत्पादन करने वाले बड़े श्लेष्मा / कोलाइड (ऑप्टीकली “ खाली स्थान ”) पर आक्रमण करती है-श्लेष्मरस (कोलाइड), खराब रूप से विभेदि त.
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कभी-कभी, ट्यूमर कोशिकाएं, गैर-संसिक्त और स्रावित श्लेष्मा होती हैं, जो ग्रंथिकर्कटता का उत्पादन करने वाले बड़े श्लेष्मा / कोलाइड (ऑप्टीकली “ खाली स्थान ”) पर आक्रमण करती है-श्लेष्मरस (कोलाइड), खराब रूप से विभेदि त.
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ईस्टर्न हिमालय नेटवर्क द्वारा तैयार की गई नई पुस्तिका ' व्हेयर वर्ल्ड्स कोलाइड ' में उल्लेख किया गया है कि पिछले 10 सालों में हर साल 35 नयी प्रजातियों की खोज के साथ पूर्वी हिमालय क्षेत्र में 1998 से 2008 की अवधि में 353 प्रजातियों की खोज की गई थी।