लंकास्टर युग की कुछ युगांतरकारी घटनाएँ थीं: संसदीय शक्तियों का विकास, लोकसभा की स्वातंत्र्य विजय, गुलाबों के युद्धों के सामंती घरानों के विध्वंस के साथ राष्ट्रीय भावना को प्रोत्साहन तथा राजसत्ता की वृद्धि, पोप के अधिकारों का क्रमिक ह्रास और कैक्सटन के छापेखाने के आविष्कार से जनित साहित्य में बढ़ती हुई अनुरक्ति।
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लंकास्टर युग की कुछ युगांतरकारी घटनाएँ थीं: संसदीय शक्तियों का विकास, लोकसभा की स्वातंत्र्य विजय, गुलाबों के युद्धों के सामंती घरानों के विध्वंस के साथ राष्ट्रीय भावना को प्रोत्साहन तथा राजसत्ता की वृद्धि, पोप के अधिकारों का क्रमिक ह्रास और कैक्सटन के छापेखाने के आविष्कार से जनित साहित्य में बढ़ती हुई अनुरक्ति।
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राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने गोलवलकर जी के नेतृत्व में संघ कि शाखाओं और स्वयं सेवकों की संख्या तो बढाई परन्तु अपने मूल सिद्धांतों से दुरी बना लेने के कारण संगठन की ऊर्जा को प्रायः खो दिया| वही क्रमिक ह्रास, आज आर.एस.एस. जिस स्थिती में पहुँच गई है, में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है|
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राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने गोलवलकर जी के नेतृत्व में संघ कि शाखाओं और स्वयं सेवकों की संख्या तो बढाई परन्तु अपने मूल सिद्धांतों से दुरी बना लेने के कारण संगठन की ऊर्जा को प्रायः खो दिया | वही क्रमिक ह्रास, आज आर. एस. एस. जिस स्थिती में पहुँच गई है, में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है |