यद्यपि प्रकट वह सामान्य संसारी मनुष्यों की भांति संसार के क्लेशों से क्लेशित और सुखों से हर्षित दृष्टिगोचर होते थे, तथापि उनका मन सर्वथा उस महान और आनन्दपूर्व शांति का सुख-भोग करता था, जिस पर दु:ख के झोंकों और सुख की थपकियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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यद्यपि प्रकट वह सामान्य संसारी मनुष्यों की भांति संसार के क्लेशों से क्लेशित और सुखों से हर्षित दृष्टिगोचर होते थे, तथापि उनका मन सर्वथा उस महान और आनन्दपूर्व शांति का सुख-भोग करता था, जिस पर दु:ख के झोंकों और सुख की थपकियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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यद्यपि प्रकट वह सामान्य संसारी मनुष्यों की भांति संसार के क्लेशों से क्लेशित और सुखों से हर्षित दृष्टिगोचर होते थे, तथापि उनका मन सर्वथा उस महान और आनन्दपूर्व शांति का सुख-भोग करता था, जिस पर दु: ख के झोंकों और सुख की थपकियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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उस ÷ला इलाहा इल अल्लाह ' के नाम के साथ ईश्वर का नाम तो लिया जा सकता है, क्योंकि ईश्वर और अल्लाह की सिफत और लक्षण एक समान है, किन्तु जन्म मरण व नस नाड़ी बंधन में फंसे तथा राग द्वेष और नारी प्रेम विरह से क्लेशित सविकार राम को न तो निर्विकार ईश्वर के साथ जोड़ा जा सकता है और न वहदहू लाशरीक अल्लाह के साथ।
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क्लास 10 th तक आते आते हर विद्यार्थी अपने चरित्र कर्म और विचारों से गुलाम दूषित और क्लेशित हो जाता है ……..99 % विद्यार्थी गन्दी पश्चिमी संस्कृति को अपना सब कुछ मान लेते हैं जो अच्छे विद्यार्थी होते हैं, उन्हें मार्क्स के प्रतियोगिता में फंशा दिया जाता है उनकी भी बुद्धि भ्रस्ट हो जाती है, भारतीय संस्कृति की ऐसी की तैसी होने लगती है, बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का खेल तो क्लास 5 से ही आजकल प्रारंभ हो गया है …….