यह ऐनिलीन के साथ संयोजित होकर ऐक्रोलीन ऐनिलीन बनाता है, जो आक्सीकृत होकर क्विनोलीन बन जाता है।
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क्विनोलीन शुद्ध रूप से रंगहीन तैलीय द्रव है, पर हवा के संपर्क से धीरे-धीरे काला पड़ जाता है।
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क्विनोलीन शुद्ध रूप से रंगहीन तैलीय द्रव है, पर हवा के संपर्क से धीरे-धीरे काला पड़ जाता है।
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टिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अपचयित होकर क्विनोलीन के बहुत से प्रतिस्थापन उत्पाद पदार्थ ज्ञात हैं, और इसके संजातों (
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क्विनोलीन के ऊपर नाइट्रिक और क्रोमिक अम्ल की कोई क्रिया नहीं होती पर क्षारीय परमैंगनेट इसे क्विनोलिनिक अम्ल में आक्सीकृत करता है।
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अपरिष्कृत क्विनोलीन को, जो कोलतार अथवा अस्थितैल से प्राप्त होता है, विशुद्ध बनाना कठिन है, क्योंकि उसमें उसके सजातीय भी मिश्रित रहते हैं।
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अपरिष्कृत क्विनोलीन को, जो कोलतार अथवा अस्थितैल से प्राप्त होता है, विशुद्ध बनाना कठिन है, क्योंकि उसमें उसके सजातीय भी मिश्रित रहते हैं।
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टिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अपचयित होकर क्विनोलीन के बहुत से प्रतिस्थापन उत्पाद पदार्थ ज्ञात हैं, और इसके संजातों (Homologues) में क्विनैल्डीन, लेपिंडीन तथा गामा फेनील क्विनोलीन महत्वपूर्ण हैं।
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टिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अपचयित होकर क्विनोलीन के बहुत से प्रतिस्थापन उत्पाद पदार्थ ज्ञात हैं, और इसके संजातों (Homologues) में क्विनैल्डीन, लेपिंडीन तथा गामा फेनील क्विनोलीन महत्वपूर्ण हैं।
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इसकी मुख्य ओषधियों में डाइहाइड्रॉक्सि क्विनोलीन (Diydroxy quinoline) के योग, क्लोरोक्वीन (chloroquine) के योग तथा इमेटीन (emetine) की सुई योग्य चिकित्सक से मात्रा निर्धारित करके उपयोग करने पर आशातीत लाभ होता है।