का अधिक सटीक मान ज्ञात करने के लिये एक दृढ़ पिंड को लोलक के रूप में लिया जाता है जो क्षैतिज़ क्षुरधार (
12.
का अधिक सटीक मान ज्ञात करने के लिये ऐसा लोलक लिया जो छड़ के रूप में था और जिसके मध्यबिंदु के दोनों ओर एक क्षुरधार था।
13.
एक बड़ा गोला जिसकी संहति १५० कि. ग्रा. थी, एक क्षैतिज घूमनेवाले टेबुल (turn table) पर रखागया जिसकी धुरी तुला के केंद्रीय क्षुरधार (knife-edge) के ठीक नीचे पड़ती थी।
14.
G का अधिक सटीक मान ज्ञात करने के लिये एक दृढ़ पिंड को लोलक के रूप में लिया जाता है जो क्षैतिज़ क्षुरधार (knife edge) पर दोलन करता है।
15.
यदि गुरुत्वकेंद्र से क्षुरधार की दूरी I हो और k उसके गुरुत्वकेंद्र से होकर जानेवाली तथा क्षुरधार के समांतर अक्ष के चारों ओर विघूर्णन त्रिज्या (radius of gyration) हो तो सूत्र
16.
यदि गुरुत्वकेंद्र से क्षुरधार की दूरी I हो और k उसके गुरुत्वकेंद्र से होकर जानेवाली तथा क्षुरधार के समांतर अक्ष के चारों ओर विघूर्णन त्रिज्या (radius of gyration) हो तो सूत्र
17.
Henry Kater, सन् १८१८) ने g का अधिक सटीक मान ज्ञात करने के लिये ऐसा लोलक लिया जो छड़ के रूप में था और जिसके मध्यबिंदु के दोनों ओर एक क्षुरधार था।