सदन तथा सीनेट के संयुक्त अधिवेशन में दो तिहाई बहुमत से राष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाता है जिसमें प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद् से तीन-तीन सदस्य भी मतदान करते हैं (वाल द"ओस्ता केवल एक) किंतु तीन बार मतदान के बाद भी यदि राष्ट्रपति पद के किसी भी उम्मीदवार को दो तिहाई मत नहीं मिल पाते तो पूर्ण बहुमत पानेवाले प्रत्याशी को राष्ट्रपति चुन लिया जाता है।
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सदन तथा सीनेट के संयुक्त अधिवेशन में दो तिहाई बहुमत से राष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाता है जिसमें प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद् से तीन-तीन सदस्य भी मतदान करते हैं (वाल द"ओस्ता केवल एक) किंतु तीन बार मतदान के बाद भी यदि राष्ट्रपति पद के किसी भी उम्मीदवार को दो तिहाई मत नहीं मिल पाते तो पूर्ण बहुमत पानेवाले प्रत्याशी को राष्ट्रपति चुन लिया जाता है।