| 11. | खंजन नैन, रूप रस माते,
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| 12. | भजन-नैन सलोने खंजन मीन ।
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| 13. | निरख सखी ये खंजन आए-मैथिलीशरण गुप्त
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| 14. | मामूला खंजन ' का ही दर्जा दिया जाता है।
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| 15. | बकौल तुलसी-जानि सरद ऋतु खंजन आए।
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| 16. | फुलमतिया जी और खंजन देवी दोनों बाहर गई थीं।
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| 17. | खंजन भारतीय साहित्य का एक चिरपरिचित और उपमेय पक्षी।
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| 18. | सबसे पहले आते हैं खंजन (वामटेल्स) और अबाबील (स्वालीज)।
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| 19. | शरद ऋतु जानकर खंजन पक्षी आ गए।
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| 20. | खंजन नीड़ से निकले, मधुमुकुल खिल गए
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