जो उनके खिलौना पनचक्कियों और नन्हे गुड्डे गुड्डियों को धकियाता रौन्दता आगे निकल जाना चाहता है! मुझे इस गाँव को एक ‘बड़े आदमी' की तरह डाक बंगले या शेवेर्ले की खिड़की से नहीं देखना है मुझे इस गाँव को उन ‘छोटे बच्चों' की तरह अपने कच्चे घर के जर्जर किवाड़ों से देखना है और महसूसना है इन दीवारों का दरक जाना इन पल्लों का खड़खड़ाना इस गाँव की बुनियादों का हिल जाना! पल-लमो, जून 7, 2010 नीचे देखते हुए चलना।
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लेकिन असलियत में मैं तुमसे किस फूल के बारे में बात कर सकता हूँ? नाम पत्तियों की खिलाफत नहीं अथवा इत्र में समाहित केन्द्र से अनुलयता नहीं नाम जो कुम्लाया हुआ है आरम्भ से यह कोई गन्ध नहीं देता नाम किसी हवा का ना होना, यह साहस है यही नहीं पाप्पस का घिसटना अपनी मृत्यु की खनखनाहट सहित रोमों के साथ जो शोभित करते हैं ताजे फलों को और शाखाओं को खड़खड़ाना लेकिन जो कुछ मेरे पास है, वह है नाम और बिना नाम के सम्पूर्ण उपवन अर्थहीन है