7-अमानत का खतम होना और अमानत को नाश करने का एक रूप लोगों के मामलों की बागडोर को ऐसे अक्षम और अयोग्य लागों के हवाले कर देना है जो उसको चलाने की क्षमता और योग्यता नहीं रखते हैं।
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और नेहरू जीसत्ता के लालची नही होते तो पार्टी की बहुमत को ध्यान रखते हुये पटेल को पी. एम. बनने से नही रोकते. रही बात मोदी की तो, वो शक्श आपलोग जैसे स्वंभु सेक्युलर पत्रकारो के लिये कभी न खतम होना वाला दुस्वप्न बन चुका है जो आप लोगो को सपने मे ही नही दिन के उजाले मे भी डराता रहेगा.