| 11. | दिल में ख़ंजर घोंप कर, ख़ुद ही सुबकने क्यूं लगा
|
| 12. | दिल में ख़ंजर घोंप कर, ख़ुद ही सुबकने क्यों लगा
|
| 13. | देखा जहाँ-जहाँ वही ख़ंजर बहुत मिले
|
| 14. | झुकाकर अपना सर ख़ंजर के आगे
|
| 15. | फूल है सामने ख़ंजर पीछे, तुझको बचना है उनकी घातों में.
|
| 16. | झूठ को लेकिन लगे है अब भी ख़ंजर आइना ।।
|
| 17. | ले के इक चंगेज़ के हाथों से ख़ंजर तोड़ दूं
|
| 18. | कटे हुए सर लिए घूमती हैं हवाएँ ख़ंजर लिए घूमती हैं
|
| 19. | सनसानते जिस्म में जलता हुआ ख़ंजर उतरेगा कि ख़ुश है वो
|
| 20. | बज़्म में नेजे़ फेंके हैं, इस बज़्म में ख़ंजर चूमे हैं।
|