| 11. | शायरी में लाजमी है एक हद तक पेचों ख़म
|
| 12. | ख़म ठोक कर खड़े रहना सीखो...
|
| 13. | तरक्की की राह में यह कैसा ख़म है.
|
| 14. | वालों के सर ख़म इसके आगे हो रहे होंगे
|
| 15. | देख ऐसे ज़ुल्फ़ में ख़म रो दिये.
|
| 16. | उसके शरीर में कहीं ख़म नहीं है।
|
| 17. | ख़म शीश-ए-जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की।
|
| 18. | रुखसार के ख़म में, कभी काकुल की शिकन में
|
| 19. | उसके शरीर में कहीं ख़म नहीं है।
|
| 20. | व ख़म का पीच व ख़म नकले
|