आपने ये नहीं बताया की इस मिश्रण में किसका अनुपात कितना होगा एवं खुराक की मात्रा कितनी होगी?:-*सिर से लेकर गर्दन तक के लिए जटामांसी *शरीर की सूजन आदि वात विकारों के लिए गिलोय *फेफड़े,लीवर,हृदय, रक्त-विकार के लिए अश्वगंधा + मूसली +सतावर *पेट, मूत्राशय, मलाशय, कमर के लिए अजवाइन+ सौंफ +कुचला *हड्डियों, जोड़ों, घुटने के लिए मेथी+देसी घी कृपया मिश्रण का अनुपात, और खुराक की मात्रा बताये, धन्यवाद
12.
पटोल के पत्ते, निम्ब के पत्ते, असन की लकड़ी, पाठा पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल), मूर्वामूल, गुडूचौतना, कटुकी प्रकन्द और शुंठी को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें, इसी काढ़े को 14 मिली लीटर से लेकर 28 मिली लीटर को खुराक की मात्रा में एक दिन में सुबह और शाम पीने स्तनों के दूध की खराबी दूर हो जाती है।
13.
एलो वेरा आँतों की सफाई करके ग्रहण करने की क्षमता और आत्मसात्करण को बढाता है | इससे अन्य दवाओं को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है जिसकी वजह से दवा की खुराक मानी जा सकती है | अगर ऐसे लक्षण दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से सलाह करके खुराक की मात्रा घटाई भी जा सकती है | कई मामलों में जब शरीर की निरोधक प्रणाली का स्तर बढ़ने लगता है, तो दवाओं की मात्रा वैसे भी धीरे-धीरे घटाई जाती है |
14.
एलो वेरा आँतों की सफाई करके ग्रहण करने की क्षमता और आत्मसात्करण को बढाता है | इससे अन्य दवाओं को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है जिसकी वजह से दवा की खुराक मानी जा सकती है | अगर ऐसे लक्षण दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से सलाह करके खुराक की मात्रा घटाई भी जा सकती है | कई मामलों में जब शरीर की निरोधक प्रणाली का स्तर बढ़ने लगता है, तो दवाओं की मात्रा वैसे भी धीरे-धीरे घटाई जाती है | ऐसा वक्त आ सकता है जब दवाओं की शायद जरूरत ही नहीं रहे |